काश ये दिल शीशे का बना होता,
चोट लगती तो बेशक ये फनाः होता. .
पर सुनते जब वो आवाज़ इसके टूटने की,
तब उन्हे भी अपने गुनाह का एहसास होता... !!!
चोट लगती तो बेशक ये फनाः होता. .
पर सुनते जब वो आवाज़ इसके टूटने की,
तब उन्हे भी अपने गुनाह का एहसास होता... !!!
0 comments: