गुरुवार, 1 जून 2017

काश ये दिल शीशे का बना होता,

काश ये दिल शीशे का बना होता,
चोट लगती तो बेशक ये फनाः होता. .
पर सुनते जब वो आवाज़ इसके टूटने की,
तब उन्हे भी  अपने गुनाह का एहसास होता... !!!


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